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पत्रकार स्व.मैथिलजी को नगर के वरिष्ठजनों एवं पत्रकारों के द्वारा बालकला मंडल की झाकी में श्रृद्धांजलि दी गई।




नरसिंहगढ़ बाल कला मंडल चम्पी मोहल्ले की झांकी में आयोजित वरिष्ठ पत्रकार स्व श्री योगेश मैथिल जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई जिसमें नगर के सभी पत्रकारों एवं वरिष्ठ नागरिकों ने हिस्सा लिया। मैथिल जी सबके प्रिय थे वे वरिष्ठ पत्रकार के साथ साथ समाज सेवी भी थे साथ ही सुरभि साहित्यिक संस्था के सलहाकर अखिल भारतीय साहित्य परिषद के जिला मिडिया प्रभारी, बंशल न्यूज़ के मिडिया प्रभारी भी थे।  श्री योगेश जी मैथिल भाई साहब का आज इस तरह अल्पआयु में इस तरह से चले जाना सभी के दिलो में शूल बन कर चुभ रहा है क्योंकि वे एक मिलनसार एवं मृदुभाषी व्यक्ति थे और एक धमकी ने उनकी जान ले ली। 
इस दुःखद सूचना से पुरे नगर में शोक कि लहर छा गई । भगवान से प्रार्थना करते हैं योगेश मैथिल जी को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करे एवं इस कठोर ब्रजपात की इस घड़ी में आपके परिवारजनो दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें ।
ओम् शान्ति ओम् 🙏🌹🙏




नरसिंहगढ राजगढ़ मे एक ईमानदार पत्रकार का दुःखद अंत, दस साल से सेवा समर्पण की जो मिसाल था उसकी एक धमकी ने ली जान।



राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ मे कस्तूरबा गर्ल्स हॉस्टल की संचालिका ऋचा मैथिल के कार्यों की बीते कुछ वर्षो से लगातार जिले के अन्य हॉस्टल मे मिसाल दी जाती थी। बीते साल जब रंग रोगन करना था तो जहां अन्य वेंडर एक लाख तक के खर्चे बता रहे थे वहीं ऋचा मैथिल और योगेश मैथिल ने अपनी सूझबूझ से सिर्फ 26 हजार मे हॉस्टल का स्वरूप बदल दिया। जो बालिकाएं बीते कई वर्षो से पचोर तक से नरसिंहगढ़ जाकर हॉस्टल मे रहकर पढ़ाई करने पर गर्व महसूस करती थी, उन्ही बालिकाओं को षड्यंत्र का हिस्सा बनाकर बीते 20 अगस्त को एसडीएम से शिकायत करवाई गयी.
एक ही दिन मे पत्नी ऋचा मैथिल के निलंबन के पत्र से पत्रकार योगेश मैथिल का हौसला टूट गया और वो एसडीएम, कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी से मिलने पहुंचे।
अधिकारियो से मिलकर जांच की मांग करने वाले योगेश मैथिल ने बताया था की उन्हें एसडीएम अंशुमन राज ने कहा की ज्यादा चूँ चपड़ की तो पॉक्सो एक्ट लगवा देंगे। जबकि शिकायत पत्र मे  भेदभाव के आरोप थे.
इस धमकी के तुरंत बाद योगेश का ब्रेन हेमरेज हो गया.
जिसके बाद उन्हें एलबीएस अस्पताल मे भर्ती किया गया।
लेकिन तबियत मे सुधार नहीं आने के बाद उन्हें बंसल अस्पताल मे एडमिट किया गया। करीब दस लाख रुपए खर्च करने के बाद भी बीते दस दिनों मे योगेंश मैथिल मरणासन्न अवस्था मे जिंदगी और मौत के बीच झूलते रहे।
बीती रात एक ईमानदार पत्रकार ने अंतिम सांस ली।

शव के साथ भी नाइंसाफी हुई तो शरद द्विवेदी आए आगे 

बंसल अस्पताल मे बीती रात दम तोड़ने के बाद उनके इलाज पर अस्पताल प्रबंधन का साढ़े पांच लाख बकाया था. बीमा क्लेम करीब 3 लाख होने के बाद भी ढाई लाख अभी अस्पताल का देना था. ऐसे मे बंसल न्यूज के शरद द्विवेदी ने फोन लगाया तब कही उनके शव को सौंपने की कार्रवाई पुरी होने लगी।

इस घटना से पत्रकारों मे आक्रोश पनपना स्वाभाविक ही है. कोई भी आम आदमी हो या पत्रकार, हर कोई अपनी पत्नी की सहायता करता ही है। ऐसे मे पत्रकार योगेश मैथिल सदैव हॉस्टल के कार्यो मे बढ़चढ़ कर सेवा भाव से कार्य करते थे. अच्छी से अच्छी सब्जी लाने से लेकर पानी व्यवस्था हो या दूध, हर कार्य मे समय से पहले हॉस्टल मे पहुँचता था। ऐसे मे बीते दस साल से धीरे धीरे जिले के अधिकारियो की नजर मे सबसे बेहतर हॉस्टल नरसिंहगढ़ का माना जाता था।
बीते साल जब रंग रोगन होकर हॉस्टल चमकने लगा और कम खर्च मे यह सब हुआ तो कई समाचार पत्रों मे अधिकारियो ने अपने वक्तव्य देकर तारीफ की थी। लेकिन एक झूठी शिकायत की बिना जांच किए ही पत्नी का निलंबन और जांच की मांग करने गए तो पॉक्सो एक्ट मे फंसाने की धमकी से ब्रेन हेमरेज होने के बाद पत्रकार योगेश मैथिल का दुःखद अंत हो गया।

में यह नहीं कहूंगा की कोई पत्रकार आंदोलन करे,, लेकिन इतना जरूर कहूंगा की एसडीएम अंशुमन राज को हटाकर इस घटना की उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए। ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके.
ईमानदार पत्रकार को न्याय मिल सके। 

सूचना
आदरणीय पत्रकार साथियों ...

हमारे पत्रकार साथी *योगेश जी मैथिल* नरसिंहगढ का भोपाल में उपचार के दौरान निधन हो गया. मामले में कहीं न कहीं एक अधिकारी द्वारा धमकाने ओर बेवजह दबाव बनाने की बात सामने आ रही है. पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो ओर दोषी पर कार्रवाई की मांग को लेकर कल गुरुवार दोपहर 12:30 बजे राजगढ़ में महामहिम राजयपाल, मुख्यमंत्री व गृहमन्त्री के नाम जिले के सभी पत्रकारों द्वारा ज्ञापन सौंपा जाएगा. जिले के सभी पत्रकार साथियों से निवेदन है की राजगढ़ खिलचीपुर नाके पर जिला पंचायत के सामने पहुंचने का कष्ट करें। 

दिन गुरुवार 
तारीख 21 सितंबर 2023
समय दोपहर 12:30
*निवेदक*
लोकेश साहू ब्लॉक अध्यक्ष मध्य प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ नरसिंहगढ़




कवि हरिसिंह परिहार पतंग की कलम से... 
   आज का दिन बड़ा ही  दुखद निकाल क्योंकि हमारे बीच‌ से वह व्यक्ति चला गया जो सिर्फ व्योहार बनाने को ही सबसे  बड़ी पूंजी समझता था समाज के हर वर्ग से अच्छे संबंध थे और नगर और आसपास के सभी  छोटे बड़े  आयोजन का हिस्सा बनने भरपूर प्रयास किया करते थे चेहरे की मुस्कुराहट अपने घनिष्ठ मित्रो को हर समय फोन लगाना और सभी से सुख दुख के हाल समाचार पुछना उनके दिनचर्या का हिस्सा था सब कुछ होते हुए भी एक साधारण व्यक्ति की तरह नगर में घूमना और कपड़े भी वहीं जिनमें कोई दिखावटीपन नहीं पत्रकारिता के क्षेत्र उनकी अपनी अहम भूमिका थी मगर साहित्य के क्षेत्र में भी आपका अचछा खासा योगदान रहा नगर की प्रति भाव की अधिक चिंता करते थे 
कुछ लोग ही ऐसे है जो उनके बारे में विस्तार से जानते हो मगर अभी अभी कुछ दिनों से मेरी अधिक घनिष्ठता बढ़ गई इस बजह से हर सुख दुःख मुझसे सैर करते थे ऐसा दिन सायाद ही कोई निकालता था जो हम एक दूसरे मिलना लेते थे अखिल भारतीय साहित्य परिषद तहसील इकाई नरसिंहगढ़ का गठन श्री योगेश जी मैथिल के निज निवास पर हुआ था और भोपाल संभाग के सासयोजक श्री राकेश जी सक्सेना पचोर और जिला अध्यक्ष श्री राजेश सत्यम जी  तलेन और नगर के वरिष्ठ साहित्यकार ठाकुर साहब श्री गोबिंद सिंह मकवाना साहब श्री ज्ञानसिंह खींची तरंग साहब , टी के शर्मा जी डालचंद बादल जी दिलीप जी राजा और मै हरिसिंह परिहार पतंग  पंकज मालवी थे और श्री योगेश जी को जिला मिडिया प्रभारी बनाया गया था कुछ दिनों पश्चात तलेन में बड़ा आयोजन हुआ जिसमें प्रदेश अध्यक्ष सचिव और भी बड़े बड़े पद अधिकारीयों ने श्री मैथिल जी संमानित किया गया था बहुत दिल फरियाद व्यक्ति थे उन्होंने अपनी छोटी बेटी देवांशी का जन्मदिन बड़े धूमधाम से मनाया था इस आयोजन की आधे से अधिक रूप रेखा मेरे तैयार की गई जिसमें आपने बहुत बढ़िया काव्य गोष्टी का आयोजन करवाया था इस आयोजन की विशेष बात उन्होने मेरे लाख मना करने के बाद भी सुरभि साहित्यिक संस्था का बैनर लगाया  जिसमें नगर के कवियों के अलावा उनके कुरावर से घनिष्ठ मित्र कवि श्री दीपक चित्रांश हास्य एक्सप्रेस औ ज्योतिषाचार्य पंडित श्री लखन चौधरी और भी कई  बड़ी हस्तीया  और हमारे नगर के पत्रकार भाई भी सामिल हुए थे जिसका संचालन मेरे द्वारा‌ कराया गया था  मुझे सही से यह ज्ञात नहीं के योगेश जी बड़े लोगों के साथ कितने थे मगर  गरीब वर्ग के साथ ‌हर तरह से समर्पित थे क्योंकि मैंने उन्हें हर तरह से देखा पिछले महीने 24 अगस्त को उनका जन्मदिन मनाया था उस उसके दुसरे दिन की यह घटना है जो यह परिस्थिति बनी  25 अगस्त की शाम को‌ मैने फोन लगाया तो इनहोंने सारे घटना क्रम को सांस भरते हुए। मुझे सारी बात बताई तो सुनकर में दंग रह गया फिर मैंने उन्हें समझने का प्रयास किया  धैर्य बंधाया मुझसे कहा भाईसाहब अब सब कुछ खत्म हो गया सारा नष्ट हो मैंने उनसे बहुत सारी बातें की फिर सुबह शाम उस घटना की चर्चा होती इतने प्रताड़ित थे इनके घर दो तीन दिन   चूल्हा नहीं जला किसी पड़ोसी के‌ यहां से भोजन आता मगर दोनों प्राणीयो‌ ने कई दिन तक भोजन ग्रहण नहीं किया उस भोजन को  थोड़ा बहुत दोनों बेटीया करती इनके शरीर में इतनी कमजोरी आगई के इनको हड्डी बुखार रहने लगा मगर अंदर ही अंदर टूटते गये और कमजोरी महसूस होती होने लगी तभी आप चले तो सरकारी अस्पताल से वही मलेरिया बुखार की दवा खाने लगे  जब मुझे जनकारी उनके ही द्वारा मिली मना करने के बाद उनके शब्द ऐसे जीवन जीने से क्या फायदा जो इतना कुछ करने के बाद भी यह हाल हुआ और रोते हुए बोले मैंने छात्रावास की बेटीयों को अपनी बेटीयों की तरह समझा कोई चाहे तो गंगा उठवा कर किसी भी मंदिर कहलवालें इसके कुछ दिनों बाद हमें एक आयोजन करना था हिंदी दिवस पर मैथिल जी सुरभि साहित्यिक संस्था के सलहाकर होने कारण मैंने अपनी बात रखी‌ यह आयोजन सामुहिक भोजन के‌ साथ होना जिसकी रासी सभी की  अनुमति 150 रुपये नियुक्त की गई थी मैंने पर चर्चा और सारा आयोजन समझाया तो‌ उन्होंने कहां आयोजन किजीए और मै आपको सहयोग रासी  दे दूंगा मगर इस आयोजन का हिस्सा नहीं बन पाऊंगा क्योंकि अब मेरे जीवन का कोई ठिकाना नहीं में रहूं या ना रहूं मेरा पता नहीं क्योकि कभी  भी कुछ भी हो सकता हैं और आप चाहे तो सुबह कलेक्शन कि रासी ले जाना मैंने उन्हें समझाते हुए कहा ऐसा मत कहो आप अगर नहीं आओगे तो यह आयोजन नहीं होगा मुझे आपके पैसे नही बल्कि आपका चाहिए मना करते हुए आबाज रोने जैसी लगी और मैंने‌ फोन काट दिया इसके दो दिन बाद मेरे भाई मेरे मित्र को भोपाल ले जाने की सूचना मिली फिर मैंने हिंदी दिवस के आयोजन को ना करने कि घोषणा की सोचा था भाई  आएगा उस खुशी में आयोजन रखेंगे मगर भाई आया तो इस परिस्थिति में के डाट भी नहीं सके अनगिनत‌‌ आंखों में आंसू दे गया ईश्वर ऐसा बज्रपात किसी को मत देना जैसे हम साहित्यकारो साहित्यकारों पत्रकारो और सभी घनिष्ठ मित्रो परिजनों को दिया  सभी कि तरफ से वरिष्ठ पत्रकार समाजसेवी स्वर्गीय श्री योगेश जी मैथिल भैया को  शत् शत् नमन भावपूर्ण विनम्र श्रद्धांजली अर्पित ओम शान्ति ओम 🙏🌹🌹🌹🌹 

कवि हरिसिंह परिहार पतंग 
इलाहीपुरा ,नरसिंहगढ़ 
जिला राजगढ़ मधय प्रदेश 
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏


छात्रावास मामले मे पुरी तरह से निष्पक्ष जांच हो,
दो छात्रावास नरसिंहगढ़ मे है दोनों की तुलनात्मक जांच हो, शिकायतकर्ता और शिकायत की न्यायिक अधिकारियो के माध्यम से जांच हो.
आरोप के अनुसार पिछले दिनों एक डिबेट कार्यक्रम मे योगेश जी द्वारा पक्ष रखा गया था. उससे प्रभावित लोगों की कॉल डिटेल की जांच हो.
उन लोगों की एसडीएम से कितनी बार बात हुई इसकी जांच हो.
दूध का दूध पानी का पानी सामने आ जाएगा.

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