रोजगार संसद नरसिंहगढ़ मध्यप्रदेश
राष्ट्रीय रोजगार नीति कानून संसद में बनवाने और केंद्र सरकार में खाली पड़े 60 हजार खाली पदों को जल्द से जल्द भरने की मांग के साथ नरसिंहगढ़ में आयोजित हुई रोजगार संसद।
19 दिसंबर से दिल्ली में बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ शुरू होगा रोजगार आंदोलन का अगला चरण-I, मध्यप्रदेश के सभी जिलों मे रोजगार संसद का आयोजन हो रहा है।
नरसिंहगढ़ । आज देश बेरोजगारी के भयावह संकट से जूझ रहा है । बड़ी- बड़ी डिग्रियां लेकर भी युवा आज काम के लिए दर -दर भटक रहे हैं। रोजगार का नया सृजन करना तो दूर देशभर में लाखों खाली पड़ी सरकारी वेकैंसी पर भी भर्ती नहीं की जा रही है, इसके उलट भर्ती की जगह युवाओं को लाठियां मिल रही है I जहाँ भर्ती हो भी रही है, ठेकेदारी व्यवस्था के तहत हो रही है, जहाँ मिनिमम वेज इतना कम है की जिससे काम करने के बावजूद भी लोगो को सम्मानपूर्वक जीवन जीना मुश्किल हो रहा है, प्राइवेट सेक्टर मे भी रोजगार के नए अवसर पैदा होने की जगह छटनी की तलवार लोगों के सर मंडरा रही है I वहीं हम देख रहे है की देश के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानून बनवाने के लिए संघर्ष करने को मजबूर हैं I जहाँ तक देश की आधी आबादी महिलाओं का प्रश्न है उनकी आर्थिक मजबूती के लिए सरकार के पास कोई कार्ययोजना नही है।
"देश की बात फाउंडेशन" के बैनर तले रोजगार संसद का आयोजन आज रामी बाई धर्मशाला नरसिंहगढ़ में आयोजित हुआ I इसकी अध्यक्षता साहित्यकार एवं वरिष्ठ समाजसेवी वल्लभ किशोर शर्मा जी द्वारा की गई, सर्वप्रथम स्वागत भाषण व बेरोजगारी की समस्या की गंभीरता व वैधानिक पक्ष को रखते हुए युवा पीढ़ी की प्रतिनिधि के रूप में ला फाइनल की स्टूडेंट रिधि सक्सेना ने अपनी बात रखते हुए कहा कि, देश जब आजाद हुआ और संविधान के निर्माण के लिए संविधान सभा ने बैठक की तो उन्होंने हर मुद्दे पर चर्चा की, हमारे संविधान के नीति निर्देशक तत्वों में, आगे राज्य किस दिशा में काम करेगा इस बात के स्पष्ट उल्लेख किया है, जिसमें यह कहा गया कि आज देश की आर्थिक हालात वैसे नहीं है, लेकिन समय आने पर राज्य पंचायतराज, शिक्षा और रोजगार गारंटी पर भी काम करेगा, नीति बनाएगा, नियम बनाएगा। और इस प्रक्रम में बाद में पंचायती राज अधिनियम, फिर शिक्षा गारंटी अधिनियम लागू हुआ, शिक्षा गारंटी अधिनियम पर अभी और काम बाकी है और रोजगार के बाबत तो भीषण समस्या होने के बाद भी सरकार की चेतना जागृत नहीं हो पा रही। उन्होंने कहा कि रोजगार के मायने हैं काबिल व्यक्ति को काबिल रोजगार मिले।
रोजगार संसद में मुख्य वक्ता के रूप में देश की बात फाउंडेशन के स्टेट कोऑर्डिनेटर एवं पर्यावरण विद विजय झाला जी ने देश की बात फाउंडेशन के द्वारा विभिन्न शिक्षाविदों से चर्चा कर वी पूरे देश में आम जन से सुझाव लेकर इस बेरोजगारी की समस्या के समाधान के लिए एक रोजगार नीति के बनाए ड्राफ्ट का वाचन किया एवं रोजगार नीति बनाते समय पर्यावरण संतुलन, देश की भौगोलिक एवं सामाजिक पृष्ठभूमि पर भी गहन चर्चा की। अन्य मुख्य वक्ताओं में वरिष्ठ एडवोकेट दामोदर उदावत, एडवोकेट राजेश भार्गव, एडवोकेट पंकज कौशिक, एडवोकेट शाहिद सैफी, डॉ राजेंद्र सूर्यवंशी, श्रीमती बसंती सूर्यवंशी, शिक्षिका अरुणिमा भार्गव, सामाजिक कार्यकर्ता जुनैद गौरी, पार्षद अतीक अहमद, वरिष्ठ किसान नेता गोवर्धन तंवर, जिला कोऑर्डिनेटर महेश सिसोदिया, रिटायर्ड फौजी दिनेश चंद्रवंशी, युवा नेता हेमराज रूहेला, समाजसेवी रमेश चंद्र पुस्पद, दिव्यांग संगठन के प्रतिनिधि के रूप में दिलीप कुशवाहा, किसान प्रतिनिधि रवि वर्मा, अजीज मंसूरी, ने रोजगार नीति पर अपने सुझाव के साथ 19 दिसम्बर से दिल्ली में शुरु हो रहें रोजगार आन्दोलन में अपनी सहभागिता पर बात रखी।
वही अपने अध्यक्ष की भाषण में साहित्यकार बल्लभ किशोर शर्मा जी द्वारा काबिल व्यक्ति को काबिल रोजगार मिले, इस विषय पर अपना पक्ष रखते हुए एवं मनरेगा जैसी अच्छी योजना जो ग्रामीण क्षेत्र में बड़ी संख्या में रोजगार दे सकती थी उसे भी भ्रष्टाचार के तहत मटिया मेट कर देने के शासन प्रशासन के रवैया पर भी गंभीर आपत्ति की। उन्होने कुटीर उद्योग पर चर्चा करते हुए कहा कि देश की आजादी के बाद इस पर कुछ समय सरकारों ने ध्यान दिया, पर इस रोजगार के प्रमुख साधन की ओर बाद के राजनीतिज्ञो की उदासीनता पर गंभीर दुख जताया।
कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए कार्यक्रम के आयोजक एडवोकेट प्रवीण सक्सेना ने सरकार की जवाबदेही तय करने के लिए, शिक्षित बेरोजगारों को, बेरोजगारी भत्ता दिये जाने की भी मांग रखी।
वहीं आभार प्रदर्शन राजगढ़ तहसील कोऑर्डिनेटर मनीष मालवीय द्वारा किया गया।
इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से अरविंद कलमोदिया, रामनारायण मंडलोई, दीपक मेवाडे, अर्जुन चंद्रवंशी मुश्ताक अली, कैलाश चंद्र शर्मा, अशोक सक्सेना, प्रदीप सक्सेना, वीरेंद्र रहेला, संजय रहेला, राधेश्याम रोहिल्ला, रमेश चौहान, समीर मंसूरी, दिनेश वर्मा, आदि बड़ी संख्या में समाज के प्रत्येक वर्ग से प्रतिनिधि की मौजूदगी देखी गई। https://www.narsinghgarh.com/2023/09/job-unemployment-news-rojgaar-sansad-60.html
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